हां सब समय समय की बात
जब में छोटा बच्चा था
jto mujhse मेरी माँ ने कहा,
तुम हसो,खेलो कूदो खूब
खाओ,घुमो पियो दूध
तब मैं अपनी बालकोनी में
एक लड़की को देखा करता था
वो मेरे घर भी आया करती थी
मैं उससे बातें करता था
फिर मैं कुछ बड़ा हुआ
मेरी माँ ने फिर कहा
तुम खेलो मगर अब पढो तुम खूब
हाँ दूध पीना जाना मत भूल
लेकिन ये भी रखना याद
खेल कूद न जायेगा साथ
तुमको अब बस पढ ना होगा
पढ़ कर आगे बढ़ना होगा
वो लड़की अब भी घर आती थी
मुझसे प्यार जताती थी
पर माँ की तीखी नजरो से
वो कहाँ बच पाती थी
फिर मैं यारो जवान हुआ,
मानो मुसीबतों का आह्वान हुआ,
माँ बोली कुछ बन के आओ,
जाओ, कम धाम करके आओ,
खाना पीना भी रखना याद,
पर पैसे भी लाना साथ!
लड़की वो जो थी बालकोनी मैं ,
अब शरमाया करती thii
mujhse इशारों में पर कभी कभी,
mujhse इशारों में पर कभी कभी,
बातें किया करती थी,
अजब सी बात है ,
जो कल सही था , आज गलतहै ,
क्युकी यारो ये समय समय की बात है