Sunday, May 22

हां सब समय समय की बात ह



हां सब समय समय की बात

जब में छोटा बच्चा था

jto mujhse मेरी माँ ने कहा,


तुम हसो,खेलो कूदो खूब


खाओ,घुमो पियो दूध


तब मैं अपनी बालकोनी में


एक लड़की को देखा करता था




वो मेरे घर भी आया करती थी


मैं उससे बातें करता था





फिर मैं कुछ बड़ा हुआ


मेरी माँ ने फिर कहा


तुम खेलो मगर अब पढो तुम खूब


हाँ दूध पीना जाना मत भूल


लेकिन ये भी रखना याद


खेल कूद न जायेगा साथ


तुमको अब बस पढ ना होगा


पढ़ कर आगे बढ़ना होगा


वो लड़की अब भी घर आती थी


मुझसे प्यार जताती थी


पर माँ की तीखी नजरो से


वो कहाँ बच पाती थी








फिर मैं यारो जवान हुआ,


मानो मुसीबतों का आह्वान हुआ,


माँ बोली कुछ बन के आओ,


जाओ, कम धाम करके आओ,


खाना पीना भी रखना याद,


पर पैसे भी लाना साथ!


लड़की वो जो थी बालकोनी मैं ,


अब शरमाया करती thii
mujhse इशारों में पर कभी कभी,


बातें किया करती थी,


अजब सी बात है ,


जो कल सही था , आज गलतहै ,


क्युकी यारो ये समय समय की बात है



Monday, May 9

उसकी गोद मे मेरा हर कल, और आज है

कर्म योगी हूँ मैं ,मानती हूँ धर्म भी,
मगर सीखा हा मेने जीवन से,
धर्म मेरा कर्म ह,जिसके लिए मे आई  हूँ,
बढ़  रही हूँ दुर्गम मार्ग पर,
सुगम उसे बनाऊँगी ,
मेरे    आत्मविश्वास को
न समझना तुम घमंड कभी
 इसलिएमैं उलझनों से कभी टूटी नहीं
क्युकी  ऐसा हा समझो
वो मेरा खुदा मेरे  साथ ह
मैं जब जब चलती हूँ कदम भर
वो सखा मेरे  साथ ह
इसलिए मेरा `मैं` मैं नहीं
बस मेरा आत्मविश्वास ह,
और  मुझे   अपने उस खुदा
 पर,
खुद से भी अधिक  विश्वास ह
ऐसा नहीं की मुश्किलें देखि नहीं मेने कभी
ऐसा नहीं की जार जार, रोई नहीं मैं भी कभी
रोती हूँ, सिसकती भी हूँ
पर फिर भी एक आवाज हा
जो मेरे उस  राम की ह
वो मेरे ही साथ ह
उसके कदम मेरे कदमो के
 निशानों के पास ह
पर अगर कदम न दिखें तो
 समझो उसकी गोद मे
मेरा  हर कल, और आज है