Tuesday, September 13

रोशन बहारें वोही हैं

जीवन से हम हारे नहीं हैं
जो भी हैं हम बेचारे नहीं हैं
चाहे कोई हस्ती नहीं है
मगर फिर भी अपनी जिद हारे नहीं है

पागल वो हैं जो समझे हैं
टूटी सी एक कश्ती हम हैं
ऐसा  हैं बस  किनारे नहीं है
मगर  दिल मैं  रोशन बहारें वोही हैं