Sunday, November 29

मैं क्या yuhi गुमनाम marongi?

mujhe चमकता सितारा न बना, तो कोई गम नही खुदा
मगर mujhe उस आस्मां me, बस थोड़ी सी जगह देना
जिसकी मैं हकदार हूँ
तू जनता हा की मैं, अस्मा की बुलंदी पर जाने के लीया
कोई क़ुरबानी दूँगी नही,
तू jantaह, अपना hअक पाने के लिए लोगो से
मैं ladongi नही
मैं ऊपर पहुँचाने के लिए
किसी और को नही गिरओंगी कभी
बस कर्म कर रही हूँ, जी जान से
मन हो तुमारा तो मेरा ये जीवन सफल
बना देना,
कभी इस गुमनाम सी लड़की को
कोई तो इनाम दिला dena

Friday, November 27

मैं सब से लड़ चुकी पर कैसे भाग्य
से लडूं मैं अपने, वो मेरे भाग्य की काले साये
जो हो रहे ह नित और घने
वो जो अपनी जगह बनाने को
गिराना चाहते ह मुजको ऊपर से
वो क्यों हर बार परमपिता सफल हो जाते
ह,iradoon मैं अपने
पहले भी और अब भी वोही जलने वाले
रहो मै खड़े ह, जो मेरी विशेषताओ को
अपना दुश्मन मानते ह
मैं जानती हो मैं उन सब से ऊपर हूँ
पर तुम ही मोका दू मैं कैसे साबित करू?
और न साबित करो तो भी दुःख नही
पर उने ख़ुद को गिराने से कैसे
रोक मैं loo?