जीवन से हम हारे नहीं हैं
जो भी हैं हम बेचारे नहीं हैं
चाहे कोई हस्ती नहीं है
मगर फिर भी अपनी जिद हारे नहीं है
पागल वो हैं जो समझे हैं
टूटी सी एक कश्ती हम हैं
ऐसा हैं बस किनारे नहीं है
मगर दिल मैं रोशन बहारें वोही हैं
जो भी हैं हम बेचारे नहीं हैं
चाहे कोई हस्ती नहीं है
मगर फिर भी अपनी जिद हारे नहीं है
पागल वो हैं जो समझे हैं
टूटी सी एक कश्ती हम हैं
ऐसा हैं बस किनारे नहीं है
मगर दिल मैं रोशन बहारें वोही हैं