तेरी यादो की महकती खुशबू
मेरे साथ ह , पर तू नही
तेरे नाम का दीवानापन,
मेरे साथ ह पर तू नही
छुप सी गयी ह याद तेरी,
दिल मै, जैसे सीप का मोती
जल रही ह आग सी दील मै,
ओर आंख जार जार ह रओती.
तू ना आये तो भी ह क्या,
हम जला कर तेरी याद के ,
चरगो को, दील जला लेंगे अपना,
जैसे दीप की ज्योती...
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