Monday, December 29

नव वर्ष अभिनन्दन






धूप मद्धम सी फैली ,

सर्दी मदमाती सी हठीली

फ़िर भी सूरज निकल आता

जग मे उजियारा फैलाने को

उसी तरह परम पिता ने

तुमको जन्मा मानव

अँधियारा मिटाने को

द्वेष से कुछ मिलेगा,

हाथ मलते रह जाओगे तुम

बस प्रेम के बंधन से ही

जीवित रह पाओगे तुम

आतंक के साये मे निकले

भाविश्ये का उजियारा दिन

चलो मिल कर करे प्रार्थना

और नव वर्ष का करें अभिनन्दन



WRIITEN BY SHAVETA NARULA

A PRAYER TO ALIGHTY GOD FOR BRIGHT NEW YEAR

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