Wednesday, October 6

टूटे सपने

एक   तो टूटे सपने हमको तोड़ जाते ह,
एक तो टूटे रिश्ते हमें रुलाते ह,
और एक दुनिया के ताने,
जहर बुझे  तीर कि तरह लग जाते ह,
एक तो धोखा कहते ह लोग
और एक धोखा खाने वाले को ही
लोग हमेशा सुनाते ह
और धोखा देने वाले साफ़ बच  जाते ह
कैसा ह दस्तूर ए दुनिया ?
पल पल रोने वाले , बदनाम हो जाते ह
और रुलाने वाले , हँसते चले जाते ह
काँटों सीजिन्दगी जिनी कितनी मुश्किल ह
ये दर्द तो वोही जानते ह जीसे
 ये जिन्दगी जिनी पड़ती ह
वो भी उन शर्तो पर जो लोग हमें बतलाते ह

1 comment:

Narayan said...

2) " यदि कोई भी आपके साथ बुरे से बुरा करता चला जाये व आपसे इर्ष्या भी करे और आप उसकी शकल भी देखना न चाहें तो उससे नफरत करने की जगह उसके मन कि बुराई से खूब घृणा करे, कोई हर्ज नहीं है, क्योंकि आप आत्म्साक्छात्कारी हैं, आपकी चित्त की तीव्र शक्तियां किसी भी घटना को अंजाम देंगी व उसके मन की बुराई को जलाकर राख कर देंगी। हमें किसी के शरीर , जीवात्मा व आत्मा से घृणा नहीं करनी है क्योंकि ये तीनो चीजें ही परमात्मा के द्वारा बनाई गयी हैं। मन मनुष्य के द्वारा अच्छी व बुरी भावनाओं से ही निर्मित होता है।...Narayan