Tuesday, October 11

ख्वाब कभी सोते नहीं


अधूरे सपने कौन कहता,है की पूरे होते नहीं

बस जोशो जुनूं हो तो,
 ख्वाब कभी सोते नहीं
रगीन, है नहीं ये जहाँ,
 मुझे  पता है यारो ,
पर कौन  कहता है कभी,
 सफ़ेद केनवास रंगीन  होते नहीं
बस न भूलो कभी पाँव   के नीचे की जमीन ,
न भूलो उड़ने वाले असमान  में,असमान में ही सोते नहीं 

6 comments:

KULDEEP SINGH said...

BHUT BADIYA RACHANA KE LIYE BADHAI.

KULDEEP SINGH said...

bhut sundre hai aapaki rachana.

संजय भास्‍कर said...

वाह!!!वाह!!! क्या कहने, बेहद उम्दा

Unknown said...

आदरनीय शवेता नरूला जी ,आपकी सभी रचनाये बेहद अच्छी व् किसी न किसी विषय को उठाती है सौभाग्य से पढने को मिल गयी ,आपने निवेदन है की एक मार्ग दर्शक के रूप में (एक प्रायस "बेटियां बचाने का ")ब्लॉग में जुड़ने का कष्ट करें
http://ekprayasbetiyanbachaneka.blogspot.com/

KULDEEP SINGH said...

kabhi hamari side bhi padhariye.

shaveta said...

me un sabhi logo ke blog visit karti ho, jo yha comments karte ha, ha samyabhav ke karn kabhi comment nahi kar pati... thanx to u