Sunday, July 31

एक राह पा ली है मेने

कितनी अनकही सी बातें हैं ,
अब मुझे  कह लेने दो, की आवाज पा ली है मैंने ,
कितनी अनबुझ पहेलीया थी जीवन मैं मेरे,
अब उन उलझनों की गुत्थी सुलझा ली है मैंने ,
मैं उलझी रही हूँ,इतने बरस खुद को समझने मैं
अब लगता है एक राह पा ली है मेने





Tuesday, July 26


Friday, July 22

कभीचूहे ही मुसीबत में काम आते है !

एक दिन में ही तेवर लोगो के बदल जाते है
जब लोग लोगो के घरो में आग लगाते है
ये भी एक अजीब सा मंजर है  यारो
एक दिन दोस्त भी दुश्मनों मैं बदल जाते है
वो  जो दूसरो को दुःख देते हैं बंधू
एक दिन खुद ही अपने जाल में फस जाते है
उस एक पल की मुस्कराहट कितनी भारी पड़ती है
ये तो रोते हुए उनके चेहरे ही बताते है
मैं औरों को दुःख कहती हो अपना
और वो और तो इसे मेरा ही कसूर बताते है
कर्मो से बन्धा हा आदमी समझो
कभी कभी दोस्तों से जायदा दुश्मन काम आ जाते है
तो किसी को चूहा समझने की भूल न करना तुम
शेरो के शिकारी कभी जंगल में आ जाते है!
और फिर जिन चूहों को बक्शा था कभी तुमने हसकर,
फिर वोही चूहे ही मुसीबत में काम आते है !
 
 





 




Wednesday, July 20

ham to bas chala karte ha

वोही  लोग  जो  पत्थर  मारा  करते  थे  कभी
वोही  लोग   हैं जो  अज   मुझे  तारीफों   के  पुलों  मैं  रखा  करते  ह

वोही  लोग  ह  जो  फर्शो  पे  भी  पाँव  न  रखने  देते
वोही  लोग  ह  जो  अर्शो  पे    बिठाये  फिरते  ह

 ये  तो एक दस्तूर  ह  ज़माने  का
जानते  ह  की  लोग  बस  चढ़ते   सूरज  को  सलाम  करते  ह

इन  लोगो  को  भी  तुम  कभी  न  समझोगे
ये  तो  बस  भीड़  मैं   कभी  भी  चल   देते  ह

जिस   दिन   जिधर  झुण्ड  चलता  ह

 बस  उधर  मुह  उठाये  तुरंत  चल  देते  ह

भीड़  मैं  तो   हर  कोई  चला  करता  ह  

हम  वो  मस्ताने  ह   जो  बस  अपनी  धुन  में  चला   करते  ह