खुशनुमा चांद खुशनुमा रात,
चांदनी मे नहाया तुमार साथ,
ओर चांद की चांदनी मे एक कशिश,
जाने आज मोसम मे कुछ खास ह,
तेरी यादो को संजोना ह मुज़े,
क्यूकी इनी यादो एक साज़ ओर तेरी आवाज ह,
इन yadoo को अब तो उम्र भर जी लेंगे,
क्यूकी हो सकता ह साथ तुमार हो पल भर का,
मगर यादो का साथ तो उम्र भर का साथ ह.
No comments:
Post a Comment