Saturday, April 14

एक ऐसा देस.

मे चाहती हू इस वीश्व को बनाना,
एक ऐसा देस.
जहा मेरे मित्र सखा ओर दुश्मन पा
जाये समावेश.
सूरज की किरणे सभी पर पडे सम एक
मे चाहती हू इस विश्व को बनाना,
एक ऐसा देस. मे चाहती हू इस विश्व को बनाना,
एक ऐसा देस.
जहा मेरे मित्र सखा ओर दुश्मन पा
जाये समावेश.
सूरज की किरने सभी पर पडे सम एक
मे चाहती हू इस विश्व को बनाना,
एक ऐसा देस.
जिन लोगो ने मुह मोरा ओर चले गए परदेस.
ना वो गलत थे ना मे,
गलत तो थे समय के फेर.
वो जो दो सखा कभी मिल कर रहे थे खेल,
अलग हो गए, समय बड़ा दरवेश,

आओ सब बुराईयां भोल कर आत्मा कर ले एक,
विश्व को बने मे एक, कर ले निवेश,
जहा ना लिंग na bhashayi मतभेद,
आत्मा का ही बस मीलन हो, ऐसी स्वर्गिक दुनिया मे
कर ले हम पर्वेश.
जिन लोगो ने मुह मोरा ओर चले गए परदेस.
ना वो गलत थे ना मे,
गलत तो थे समय के फेर.
वो जो दो सखा कभी मिल कर रहे थे खेल,
अलग हो गए, समय बड़ा दरवेश,

आओ सब बुराईयां bhol कर आत्मा कर ले एक,
वीश्व को बने मे एक, कर ले नीवेश,
जहा ना लिंग नाभाशायी मतभेद,
आत्मा का ही बस मिलान हो, ऐसी स्वर्गिक दुनिया मे
कर ले हम पर्वेश.

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