Saturday, April 14

जिन्दगी ,

खिलती हुई धुप ह जिन्दगी ,
कभी अँधेरा ह जिन्दगी.
बसा हुआ घर ह जिंदगी,
कभी ऊजरा मकाम ह जिंदगी.
खुशियो का बसेरा ह जिंदगी,
कभी KHANDAR वीरान ह जिंदगी.

सच मे SAMAJ ना आया..
क्या ह ये जिंदगी?

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