चराग रोशन हुए ह आज, दीवाली सी लगती ह
आप के अने के खबर से ही ,फीज़ा मै खुशहाली सी लगती ह,
आप आये ह तो महफिले सजने लगी ह यहाँ ,
ओर फूलो की खुशबू मै, नयी ताजगी सी लगती ह
नही तो रोज गुमसुम से हुआ करते थे ये वीराने,
आब इन वीरानो मे अब नयी जान आयी सी लगती ह !
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