Friday, April 27

चराग

हर रोशन चराग के साथ, ओर हर दिल की आवाज के साथ
जाने क्यों ये दिल एक नाम पुकारा कर्ता ह,
वो जो दिल दीमाग पर नशे की तरह, छाया रहता ह,
वो मेरा हमदम तो नही, मगर साथ उसका साया रहता ह,
वो जख्मो पर मेरे मरहम रख दीया कर्ता ह,
जब भी मेरे दील मै कोई दर्द घर बनया कर्ता ह,
जब वो पास होता नही, जिन्दगी अधूरी लगती ह
जिन्दगी मै उसकी बातो का सरूर छाया सा रहता ह..

1 comment:

Girish Kumar Billore said...

वो जख्मो पर मेरे मरहम रख दीया कर्ता ह,
जब भी मेरे दील मै कोई दर्द घर बनया कर्ता ह,
जब वो पास होता नही, जिन्दगी अधूरी लगती ह
जिन्दगी मै उसकी बातो का सरूर छाया सा रहता ह..
font kee prob. hai
dard ka doosara nam hee kavita hai