Saturday, April 21

चीरागो तले

जब चीरागो की रोशनी मद्धम हुई,
उन चीरागो तले तुम्हें दून्डा,
तुमारा साथ ही तो था मेरा पास
उस अँधेरे मै भी हमने,जीसे खोजा
हर सांस मै बसें थे तुम,
नजर आये बस उन अंधेरो मै ही क्यों?
जब रोश्निया थी जगमगाती हुई,
तेरे चेहरे की चमक धुन्दाली थी क्यों?

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