कागज पर ढल आई है मेरे अक्स की स्याही, कुछ और नहीं मैं बस एक रचना ही तो हूँ
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Saturday, April 21
दर्द
दर्द दिल मै हो तो हँसा नही जाता, कहने की बाते ह सब यारा, जब दर्द दिल मै हो तो दिल , खुद ही बन जाता ह तमाशा.. अब क्या गम जो तमाशायी लोग ह तो हँस लेने तो इनको हमपे ओर जरा सा..
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