Wednesday, May 9

बेटी गरीब की

मेरे हाथो मै एक दिन हल्दी लगी थी,
मेरे माथे भी सिन्दूर सजा था,
मै भी सपने ले आँखों मै बेठी थी,
पर बन कर कजरा प्यार बह गया
हर एक नजर, ताने थी देती
क्यूकी मै थी बेटी एक गरीब की

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