Wednesday, July 25

हैवान

जाने किस भूख मे बड़ा चला इन्सान
सब कुछ, फिर भी पाने को तुला हुआ इन्सान
कल तक तो रोटी के लाले थे इसको,
आज कारो तले कुचल रह बेबस इन्सान
कभी उंची ईमारत, कभी सुकून कभी इज्जत
को तेहस नेहस करने, चल पड़ा हैवान !

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