का से कहूँ सजन मै पीरा ?
अंतहीन सा अकेलापन तुमको ,
खलता ह हर एक पल पल
तुम कह न पाते हो किसी से ,
जानू हूँ मै ये सब , पर
तेरी पीरा आस पास ही
मेरे अंतर्मन को भेदे ,
तेरा आंसू साथ साथ ही
मेरी आँखों से भी निकले ,
तेरी कड़वी कड़वी बातें
लगती ह मुजको दवा सी ,
तू कुछ भी बोल पिया ,
तेरी पीरा अब मै जानू
पर अपनी पीरा किसको कहूं मैं
कैसे कहूँ मैं ?
शायद कहने को शब्द नही ह
अभ्व्यक्ती अधूरी ह पिया
कसे कहूँ सजन मै पीरा ?
कागज पर ढल आई है मेरे अक्स की स्याही, कुछ और नहीं मैं बस एक रचना ही तो हूँ if u want to see the poems of my blog, please click at the link of old posts at the end of the each page
Tuesday, October 28
लेखनी से प्रेम
ऐ मेरी लेखनी तू मेरी साथी
ऐसे जैसे दीप और बाती
हम तुम साथ रहा करते ह कब से,
हम तुम जला करते ह पग पग पे,
ऐ मेरी लेखनी तू तो बावरी,
हुई जात ह हर पल जो
तुज्को न कोई देखे ऐसे
मसत पवन सी चलती तू,
बसंत मै जैसे रंग्रगीले
फूल खिलेखिले से हों
मेरे लिए तो तू ही सर्वस्व हा
तू देती ह शकती जो
उसी शक्ती से जीवन ज्योती मेरी
ज्वलित सी रहती ह
तू आशा का आकाश ह मेरा
तू मेरा सावन ह
तू ही मेरी सखी सहेली
और तू ही मेरा साजन ह
ऐसे जैसे दीप और बाती
हम तुम साथ रहा करते ह कब से,
हम तुम जला करते ह पग पग पे,
ऐ मेरी लेखनी तू तो बावरी,
हुई जात ह हर पल जो
तुज्को न कोई देखे ऐसे
मसत पवन सी चलती तू,
बसंत मै जैसे रंग्रगीले
फूल खिलेखिले से हों
मेरे लिए तो तू ही सर्वस्व हा
तू देती ह शकती जो
उसी शक्ती से जीवन ज्योती मेरी
ज्वलित सी रहती ह
तू आशा का आकाश ह मेरा
तू मेरा सावन ह
तू ही मेरी सखी सहेली
और तू ही मेरा साजन ह
दीपावली की शुभ कामनाएं
Tuesday, October 7
ये लम्हे
sath sath chalna hamare naseeb me nahi ha
to chalo ye lamhe hi sath gujar le
agar paas rehna mukaddar jo nahi ha
to chalo is lamhe ka mukaddar sawar le
ye lamha jo hamra ha abhi tak
kab kho jayega kabhi
to iski yaad hi me sahi
ji to lenge ye kehte
ke lamhe swarnim the jo
tere sath the bitaye
--------------------
me tuze sahej loongi jaise seep main moti
me tuzme kho jaongi jaise deep main jyoti
to chalo ye lamhe hi sath gujar le
agar paas rehna mukaddar jo nahi ha
to chalo is lamhe ka mukaddar sawar le
ye lamha jo hamra ha abhi tak
kab kho jayega kabhi
to iski yaad hi me sahi
ji to lenge ye kehte
ke lamhe swarnim the jo
tere sath the bitaye
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me tuze sahej loongi jaise seep main moti
me tuzme kho jaongi jaise deep main jyoti
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