कागज पर ढल आई है मेरे अक्स की स्याही, कुछ और नहीं मैं बस एक रचना ही तो हूँ
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Thursday, November 6
एक वक्त था जब हम प्यार खोजा करते थे जब प्यार मिला हम उसके काबिल न रहे एक वक्त था जब हम धरकन किसी के दिल की बनना चाहते थे, और दिल मै रहना चाहते थे आज जब धरकन बने तो दिल ही न रहा
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