Tuesday, March 3

ओह बेनाम जिहा रिश्ता

Oh benam jeha rishta..

ओह चेहरा जीनु मै अपनी जिंदगी विच
भुला सकदी नही, ओह नाम जीनु मै कदे
अपने नाम नाल जोड़ ते नही सकदी, पर
जेनू अपने जेहन तो मिटा सकदी नही
ओह एक नाम तेरा ही हा,
ओह रिश्ता तेरा- मेरा ,किसी नाम दा मुहताज नही,
ओह रिश्ता, किसे कागज ते लगी मोहर दा बखान नही
पलकां जिन्दे दुःख नाल भिज जान
जीदी खुशी नाल,मेरे मन दे बुझे चिराग फ़िर जल जान
ओह एक नाम तेरा ही हा

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