कागज पर ढल आई है मेरे अक्स की स्याही, कुछ और नहीं मैं बस एक रचना ही तो हूँ
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Friday, November 26
तस्वीरें
तस्वीरें हमेशा हस्ते हुए खिचवाई जाती ह,
तस्वीरों के पीछे सदा कहानिया छुप जाती ह
तस्वीरों से इंसान कि खुशहाली का अंदाजा लगाने वाले लोग
तस्वीरों के पीछे का सच कभी जान पाते नहीं
कभी जान भी जाये तो समझ पाते नहीं
2 comments:
बहुत ही गहरे भाव प्रस्तुत किये आपने!सच में तस्वीर खिचवाने के लिए कितनी ही बार मनोभावों को झूठी मुस्कान में छिपाया है हमने भी....
खूबसूरती से कही आपने एक खुबसूरत सी बात!
कुंवर जी,
thanx hamesha apke dwara utsah badane par acha lagta ha
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