कागज पर ढल आई है मेरे अक्स की स्याही, कुछ और नहीं मैं बस एक रचना ही तो हूँ
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Saturday, March 12
राजाओ के राज
कहते ह की राजाओ के राज चले गए
पर हमने तो तानाशाहों को अब भी हुकुम चलाते देखाहै
कहते है की कोई अमीर गरीब में फर्क नहीं
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