एक दिन में ही तेवर लोगो के बदल जाते है
जब लोग लोगो के घरो में आग लगाते है
ये भी एक अजीब सा मंजर है यारो
एक दिन दोस्त भी दुश्मनों मैं बदल जाते है
वो जो दूसरो को दुःख देते हैं बंधू
एक दिन खुद ही अपने जाल में फस जाते है
उस एक पल की मुस्कराहट कितनी भारी पड़ती है
ये तो रोते हुए उनके चेहरे ही बताते है
मैं औरों को दुःख कहती हो अपना
और वो और तो इसे मेरा ही कसूर बताते है
कर्मो से बन्धा हा आदमी समझो
कभी कभी दोस्तों से जायदा दुश्मन काम आ जाते है
तो किसी को चूहा समझने की भूल न करना तुम
शेरो के शिकारी कभी जंगल में आ जाते है!
और फिर जिन चूहों को बक्शा था कभी तुमने हसकर,
फिर वोही चूहे ही मुसीबत में काम आते है !
जब लोग लोगो के घरो में आग लगाते है
ये भी एक अजीब सा मंजर है यारो
एक दिन दोस्त भी दुश्मनों मैं बदल जाते है
वो जो दूसरो को दुःख देते हैं बंधू
एक दिन खुद ही अपने जाल में फस जाते है
उस एक पल की मुस्कराहट कितनी भारी पड़ती है
ये तो रोते हुए उनके चेहरे ही बताते है
मैं औरों को दुःख कहती हो अपना
और वो और तो इसे मेरा ही कसूर बताते है
कर्मो से बन्धा हा आदमी समझो
कभी कभी दोस्तों से जायदा दुश्मन काम आ जाते है
तो किसी को चूहा समझने की भूल न करना तुम
शेरो के शिकारी कभी जंगल में आ जाते है!
और फिर जिन चूहों को बक्शा था कभी तुमने हसकर,
फिर वोही चूहे ही मुसीबत में काम आते है !
9 comments:
shaandar abhivyakti
....तो देवीओ और सज्जनो, कोइ भी आदमी कभी छोटा नही होता....
बहुत ही सही रचना. अभिनंदन !
ji bilkul
पर कोई बचता नहीं
koi bat nahi prativad, kon bAchega kon nahi wo to waise bhi ishwar ke hath me ha, marne ke darne se choohe jina thore chod denge
जीने का हक भी आप ही की तरह दिलदार लोगों को होता है, जो डरते नहीं वही तो जीते है वैसे तो सब मरें के समान..
सही है किसी को कमतर नहीं आँकना चाहिए छोटे से छोटा भी कभी बड़ी मदद कर जाता है।
सही पर छोटा कहना भी सही नहीं, यह तो ऑकने वाले का पेमाना हो सकता है जिस से वह छोटा और बड़ा कहता है
ji jaror
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