Thursday, November 3

हमें नजर न कुछ आता

वो जो हमें कहते है सीखो दुनिया दारी
क्या कहें की हमारी तो पूरी दुनिया वोही है
वो जो पागल कहते है हमें हर बात पे
वो ये तो समझे के हमें ख़ुशी और
 ग़म से पागल करने वाले भी वोही है 
वो बात बात पर हमारी और  ऊँगली उठा देते है
उनका क्या कहें की उस ऊँगली की और 
ही जहाँ हमारा ख़तम हो जाता है 
और उस से आगे हमें नजर न कुछ आता है