कागज पर ढल आई है मेरे अक्स की स्याही, कुछ और नहीं मैं बस एक रचना ही तो हूँ
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Tuesday, December 20
मैं एक आग हु परिवर्तन की, एक दिन मेरे विचार तुमको जला ले जायेंगे
3 comments:
काश ये परिवर्तन का दौर चलता रहे ..
agar ap jaise budhi jiwyio ka sath hoga or aashirwad to jaror chalega
परिवर्तन आग से गुजरने के समान ही है
विचार ही वह चिंगारी है
जो इस परिवर्तन की मशाल को दूर तक ले जाते हैं।
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