Friday, April 13

जख्म इतने इस दील ने खाए ह,
ए दोस्त तू भी हस ले, एक ज़ख्म ओर सही,
तेरी हँसी मउज़ पर कयामत क्या द्हयेगी,
मेरे दर्द का तमाशा ओर सही,
बस इतना रहम कर देना दोस्त,
मौत आये तो आंसू बहा देना,
मत ये कहना चलो जले पे नमक ओर सही.

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