Friday, April 13

उदास

आज क्यों मेरा मन उदास ह,
लगता ह साया भी नही पास ह,
बहुत रोया ह ये दिल उनकी याद मे,
वो जो हक़ीकत मे कभी थे नही,
जो सपनो मे हमारे पास ह,
पर कब तक सपनो से खुद को बहलायेंगे,
दर्द के समंदर को अपना जीवन बनायेंगे.
अब क्यों लगता ह ये दर्द मौत तक साथ ह,
क्यों दीखता नै सूरज अँधेरा पास ह.
बहुत खोजा की हमदम कोई होता,
दील के अफ्सनो को सुनाने का दील आज ह,
ये दर्द, ना खोने वाला अहसास ह,
इसलिये आज मेरा मन उदास ह.
क्यूकी कोई हमदम ना मेरे पास ह.

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