इश्क के गली से गुजरना,
ओर आग से गुजरना एक ह,
ओर इस आग को पार करना,
ओर किसी को इकतरफा प्यार करना एक ह..
इसलिये ए दील बस अब उनका इंतजार ओर ना कर
ना कर, बस बहुत हो चुका प्यार ओर ना कर...
बारीश...
बारिश की बूंदे गिरती ह जमी पार
सोंधी मिटटी की खुशबु फैलती ह कही पार
टप टप बूंदे गिरती ह सावन झूमता ह
मन मयूर मेरा भी इसमे झूमता ह
ओर आग से गुजरना एक ह,
ओर इस आग को पार करना,
ओर किसी को इकतरफा प्यार करना एक ह..
इसलिये ए दील बस अब उनका इंतजार ओर ना कर
ना कर, बस बहुत हो चुका प्यार ओर ना कर...
बारीश...
बारिश की बूंदे गिरती ह जमी पार
सोंधी मिटटी की खुशबु फैलती ह कही पार
टप टप बूंदे गिरती ह सावन झूमता ह
मन मयूर मेरा भी इसमे झूमता ह
1 comment:
wow those r real lovely poems.
can u tel me one thing?
tum hindi me typing kaise karti ho google me.
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