छुपा के दमन मै रख लेते मेरा नाम तो
यऊ ना हम तमाशा ए दुनीया बनते
ज़ख्मो को दर्द दील मै ही छुपा लेते तो
यऊना हम तमाशा ए दुनिया बनते
जान लेते जो तुम फूल नही हमारे चमन का
यऊ बाग़ उजड़ने के गम मे ना रोते
सिस्कीया लेती ना तन्हायी हमारी कोने मै,
ओर तान्हायियो को अपना ना साथी बाना लेते
अश्क अगर तुम अपने छुपा लेते,
तो दुखो के दरिया मै हम पागल ना बहते!
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