Friday, April 13

intajar

अगर मीले ना प्यार तो इंतजार एक सजा, ओर हो जाये दीदार तो आता ह मजा.
इंतजार एक सजा, इंतजार एक मजा.
इंतजार एक तड़प, इंतजार दर्द मीठा सा,

अगर पल पल कटना हो मुसकिल तो तड़प ओर हो एक सेलअब आंसू का,
इंतजार एक जज्बा प्यार जताने का,
अगर लम्बा हो इंतजार तो मौत की सजा, इस सजा का इनाम आँखों की दुर्दशा,

इंतजार एक पूजा ,इंतजार एक गुनाह,
अगर प्यार हो सचा तो पूजा, ओर अगर प्यार हो गुनाह तो ये भी ह गुनाह,

अगर इन्तजार अपने प्रिया का तो ह एक वफ़ा,
इंतजार हो पर पुरूष का तो बहुत घिणोना.

कभी इंतजार दोस्त ,कभी ह सखा ,
कभी इंतजार दुश्मन अगर हो लम्बा,
यादे मधुर हो तो इंतजार मीठा, फल ना मिले तो अनुभव कड़वा;

इंतजार तो इंतजार ह यादून का सैलाब ह,
तड़प ह तीखा ह, दर्द ह यही सिखा ह,
बहुत दीन से हम भी इंतजार मे ह लगता ह की उनके प्यार मे ह,

मगर मीरा को जो ना मिल पये कानाह ,
तो इंतजार ह किस काम का, पर कोण सम्जह्ये पागल दील को
इंतजार ह अंतहीन ये खतम नै होने वाला, ओर रहेगा आँखों से,

अविरल बहता , आंसू बन कर कतरा कतरा , खूने जीगर मे रहता,
ये अब जीवन का हीस्सा ह जो मृत्यु तक रहेगा, मीरा रहेगी तड़पती ,
ओर कानाह नही मिलेगा, फीर भी एक आस ह इंतजार ह क्यूकी यही तो प्यार ह.

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