जाने क्यु उसका इंतजार था हमे,
की आंखे बिछाये बेठे थे उनकी राह मे,
फूल हाथो मे थे ओर आँखों मे चमक,
मगरनजरे पथरा गयी इन्तजार करते करते
बेजान हो गया जो शरीर था सांसे
खतम हो गयी मगर , आंखे रस्ते पर लगी
रही इंतजार मे, अब कब तक ये आंखे आंसू बह्ये ,
हम लाश बन गए इंतजार कर के, की वो अब आये की तब आये
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