जब प्यार से दोस्ती ने पूछा, क्यों तेरा दर्जा ह उंचा
तो दोस्ती ने हँस के कहा, तूने जख्म दे, मरहम ना पूछा,
मेने मरहम दीया दोस्तो को, तूने बस दुःख देना सीखा
तोड़ा तूने हीर के दील को , कभी रानझे का दील ह टूटा,
दोस्तो ने साथ दीया जब प्यार ,रिश्ता ओर घर बाहर ह छूटा!
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