अखिर क्यों
क्यू एक बेगुनाह के पास ही सबूत नही होता
उसकी बेगुनाही का?
क्यू हर गुनेहगार के पास रास्ता होता हा?
साबित करने का बेगुनाही,
क्यू जो हमे दिखता हा वो ही सच लगता हा?
क्यू सच पर्दे मे छुपा होता ह?
क्यू चालक, चालाकी खेल जाते हा?
क्यू निर्दोष पर ही मुक़द्म्मा चलता ह?
क्यू हर गुनेहगार बच निकलता हा?
क्यू आ खुदया तेरी दुनिया मे ऐसा होता ह?
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