हर रोज एक नया रंग हो मै, एक नया विचार हूँ मै
एक ख्वाब हू मै, एक अजब आवाज हूँ मै
मै कौन हू , उस इश्वर का अंश हूँ मै
प्रेम का आभाव हूँ मॆं
कभी प्रेम का सागर हूँ मै
कभी जलता चिराग हू मै
कभी टूटी आस हू मै
कभी आत्मविश्वास हू मै
कभी तुम मे हू मै
कभी खुद की पहचान हू मै
कभी एक बचपन
कभी एक परिपक्व आवाज हूँ मै
मै कौन हू, एक राज हूँ मै
खुद के लिए एक आग हूँ मै
उसके लिए एक बड़ा सवाल हू मॆं !
No comments:
Post a Comment