Monday, September 3

दर्द मै यू डूबना मुझे भी भाता नहीं
मै जब भी कुछ मुस्कुराता हुआ सा
गीत लिखने बेठ्ती हू
मेरी बेबसी के आंसू बरबस निकल आते ह
की मैं जो पाने चली थी वो पा ना सकी
ओर जाने किस नशे मै खुद को खो बेठी हू

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