हर रिश्ता अधूरा सा ह
पति का पत्नी से रिश्ता अधूरा ह
जब तक हवास हो प्यार ना
पिता का बेटी से रिश्ता अधूरा ह
जब तक वो एक दूजे को हक से कुछ कह ना पायें
माँ का बेटी से रिश्ता अधूरा ह,
जब तक रिश्ते के साथ अपना पन ना हो,
प्रेमी का प्रेमिका से रिश्ता अधूरा ह
जब तक प्यार दोनो तरफ ना हो
मैं जी रही हू इन अधूरे रिश्तों को
जीवन शुन्य सा ह, अधूरी हूँ मैं
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