मेरा घर बसा नही, मुझे ग़म नही "ए- खुदा"
बस तू हज़ार घर उजड़ने से बचा लेना
मे बना नही पाई कभी अपना आशियाना
हज़ारो आशियानो में मिलन के फूल खिला देना
किसी के चेहरे की हँसी देखा,कुछ देर सही
अपना ग़म भूल जाओँगी,मैं कहीं
इन गमो को मेरी मैयत की चादर बना देना
बस तू हज़ार घर उजड़ने से बचा लेना
मे बना नही पाई कभी अपना आशियाना
हज़ारो आशियानो में मिलन के फूल खिला देना
किसी के चेहरे की हँसी देखा,कुछ देर सही
अपना ग़म भूल जाओँगी,मैं कहीं
इन गमो को मेरी मैयत की चादर बना देना
1 comment:
tanha aurat ... pati sukh se vanchit ... bheed se bhari duniya mein subah se sham ka bojh ...
jaaney kitney kitney tukdo mein basi hazar senkdo kahaniya ...
har ankahi dastaan aapke lafzon mein bayaan hoti hai ...
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