मुझको अभी दूर तलक जाना ह, यही एक मंजिल नहीं जिसको मुझे पाना ह,
बहुत अभी रास्ते ह जिन पर चल के देखना ह,
और चलते चलते खुद से भी दूर कहीं जाना ह,
मॆं उनमे से नहीं जो थक के बैठ जाया करते ह,
मॆं वो नहीं जो हार जाया करते हैं
मुश्किलें आन पड़ी तो क्या हुआ
मुझे इनसे पार पाना ह,
मुजे अभी दूर तलक कहीं दूर तलक जाना ह
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2 comments:
21)"मानव खोने को कभी तैयार नहीं होता, इसलिए कभी पा नहीं पाता। खोना पाने, के लिए इंधन का काम करता है, जैसे जैसे आप खोते जाते हैं, वैसे वैसे पाने का मार्ग खुलता जाता है, और पाने के बाद खोने का गम नहीं रहता।"
---------Narayan, 26.08.07
Great, Shaveta JI, keep it up.
This the real spirit a human must have because He/She is the son/daughter of god, so why to feel defeated.We are here, on this planet Earth, only to gain, whether it is favorable or UN favorable.
........Narayan
apke shabd jado bhare ha, dhanywad
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